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PM Modi In Varanasi: 110 करोड़ की लागत से बने शॉकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन, गरीबों को मिलेगा मुफ्त इलाज

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अत्याधुनिक और विश्व स्तरीय आर झुनझुनवाला शंकरा सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस 110 करोड़ रुपये की लागत से बने नेत्र अस्पताल में हर साल 30,000 निःशुल्क नेत्र शल्य चिकित्सा की जाएगी। कार्यक्रम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु विजयेंद्र सरस्वती भी उपस्थित रहे।

यह अस्पताल 1.26 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला है, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 9 ऑपरेशन थिएटर हैं। अस्पताल में गरीबों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा होगी, जबकि भुगतान करने वाले मरीजों की फीस से क्रॉस-सब्सिडी मॉडल के तहत फंड जुटाया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया जा सके।

गरीबों के लिए बड़ी सौगात


शंकरा आई हॉस्पिटल के नए केंद्र का उद्देश्य वाराणसी सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों और उत्तर प्रदेश से सटे झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, और छत्तीसगढ़ के गरीब और वंचित वर्गों को बेहतर नेत्र चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करना है। यह अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सालाना 30,000 मुफ्त सर्जरी करेगा।

अस्पताल की प्रमुख सेवाओं में मोतियाबिंद, कॉर्निया, रेटिना, ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का इलाज शामिल है। यहाँ बच्चों के नेत्र रोगों और ओकुलोप्लास्टी जैसे विशेष मामलों का भी इलाज होगा। इसके अलावा, हाई-टेक सुविधाओं के तहत आई बैंक और कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन की सुविधाएँ भी मौजूद हैं।

उन्नत सुविधाओं के साथ अनूठा मॉडल


शंकरा आई हॉस्पिटल का संचालन एक अनूठे क्रॉस-सब्सिडी मॉडल पर आधारित है, जिसमें 25% भुगतान करने वाले मरीजों की फीस से 75% जरूरतमंद मरीजों का इलाज मुफ्त में किया जाएगा। अस्पताल की इस योजना से वाराणसी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ झारखंड, मध्य प्रदेश और बिहार तक के लोग लाभान्वित होंगे।

शंकरा आई फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. आर.वी. रमणी ने बताया, “भारत में दृष्टिहीनता के सबसे अधिक मामले हैं, जिनमें से 80% का इलाज संभव है। हमारा उद्देश्य पूरे भारत में गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा सेवाएँ पहुँचाना है, और वाराणसी में इस अस्पताल की स्थापना हमारे मिशन का एक बड़ा कदम है।”

देश में बदल रहे नेत्र चिकित्सा के परिदृश्य


शंकरा आई हॉस्पिटल का यह 14वां केंद्र है, जो देश में नेत्र देखभाल के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए तैयार है। देशभर में इस फाउंडेशन ने अब तक 6.7 मिलियन से अधिक मरीजों का इलाज किया है और 2.6 मिलियन से अधिक सफल नेत्र शल्य चिकित्सा की हैं। अस्पताल का लक्ष्य है कि 2030 तक हर साल 5 लाख निःशुल्क सर्जरी की जाए।

इस अवसर पर शंकरा आई फाउंडेशन यूएसए के कार्यकारी अध्यक्ष मुरली कृष्णमूर्ति ने कहा, “यह अस्पताल वाराणसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल सेवाएँ उपलब्ध कराएगा। हमारी प्राथमिकता है कि सभी लोग नेत्र देखभाल की उच्चतम सुविधाओं का लाभ उठा सकें।”

नेत्र देखभाल का राष्ट्रीय मिशन


शंकरा आई हॉस्पिटल की यह पहल सिर्फ एक अस्पताल की स्थापना से कहीं अधिक है। यह एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों तक नेत्र चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाना है। इस अस्पताल से वाराणसी, गाजीपुर, मिर्जापुर, चंदौली, आजमगढ़, जौनपुर और प्रयागराज के ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष नेत्र देखभाल सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।

शंकरा आई फाउंडेशन के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की सदस्य रेखा झुनझुनवाला ने कहा, “हमारा और शंकरा का लक्ष्य एक ही है: आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक पहुंचकर उनकी नेत्र समस्याओं का समाधान करना। यह अस्पताल उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।”

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